Sunday, September 5, 2010

रूही पुस्तक-8 ''बहाउल्लाह की संविदा'' का अधययन


पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में संस्थान प्रक्रिया से जुड़े सात मित्रों ने हाल ही चंडीगढ़ में रूही पुस्तक-8 ''बहाउल्लाह की संविदा'' का अधययन पूर्ण किया। 18 से 22 अगस्त तक चंडीगढ़ के बहाई केन्द्र में कक्षाओं का संचालन सहायक मण्डल सदस्य श्रीमती किरण सिन्हा द्वारा किया गया। प्रतिदिन लगभग दस घंटे तक अधययन करने के दौरान संविदा से सम्बन्धिात अनेक जानकारियाँ प्रतिभागियों ने प्राप्त कीं और बहाउल्लाह की संविदा में अपने को और दृढ़ महसूस किया। ज्ञातत्व है कि ये सभी मित्र अपने-अपने क्षेत्र में स्टडी सर्कल अथवा किणोर आधयात्मिक सणक्तिकरण की कक्षाएँ संचालित कर रहे हैं।

बहाई समुदाय के दृढीकरण के लीये रूही पुस्तक आवश्यक


स्टडी सर्कल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इन्दौर के बहाई भवन में 9 से 13 अगस्त तक पांच दिन का रिफ्रेशर कोर्स आयोजित किया गया, जिसमें खरगोन समुदायसमूह से दो तथा सनावद समुदायसमूह से तीन अर्थात कुल पांच बहाई मित्रों ने भाग लिया। कक्षा के संचालन में सहायक मण्डल सदस्य श्रीमती अल्का कुमार, राज्य संयोजक श्री हरीश शर्मा, स्नेहलता जी एवं बीना जी ने अपना योगदान किया। कोर्स में रूही पुस्तक 1, 2, 3, 4, 6, एवं 7 के कुछ चुने हुए भागों का अध्ययन किया गया।

भोजराज सिंह परमार का बहाई विधिविधान के साथ विवाह


न्यूजीलैंड के श्री जॉन व्हाइट और श्रीमती नेनसी व्हाइट की सुपुत्री इलिश व्हाइट का विवाह थाकपुर, उत्तर प्रदेश के श्री भोजराज सिंह परमार के साथ 28 जून 2010 को बहाई विधिविधान के साथ पंचगनी में सम्पन्न हुआ। विवाह समारोह पंचगनी की स्थानीय आध्यात्मिक सभा के तत्वावधान में आयोजित किया गया।

भोपाल में पारिवारिक सम्मेलन सम्पन्न

भोपाल में आयोजित पारिवारिक सम्मेलन के प्रतिभागी समूहों में रिज़वान संदेश-2010 का गहन अध्ययन करते हुए श्री पयाम शोगी
क्षेत्रीय बहाई परिषद मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ द्वारा भोपाल में 12 से 14 जून 2010 तक तीन दिवसीय पारिवारिक सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रार्थनाओं से किया गया है, उसके उपरान्त अतिथियों का स्वागत कर सलाहकार श्री सतीश मितई ने अपने उद्बोधन में बताया कि हम इन तीन दिनों को विश्व न्याय मन्दिर की इच्छानुसार विशेष तैयारी के दिन के रूप में लेते हुए अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ेंगे। इन्दौर से आईं डॉ. श्रीमती ताहिरा वज्दी ने सम्मेलन से अति प्रसन्नता जाहिर करते हुए उपस्थित मित्रों को बहाई संविदा के बारे में बताया। राष्ट्रीय बहाई आध्यात्मिक सभा के अध्यक्ष प्रोफेसर मंगेश तेली ने रिज़वान संदेश 2010 के अनुरूप अपना लक्ष्य चुनने के लिए पावर प्वाइंट के माध्यम से बताया कि अपनी कमजोरियों और कमियों को नजर अंदाज करते हुए सिर्फ अपने लक्ष्य की ओर निरन्तर बढ़ते जाने से सफलता सुनिश्चित है। दोपहर के भोजनोपरान्त सत्र की अध्यक्षता सहायक मण्डल सदस्या डॉ. (श्रीमती) रोजा ओल्याई द्वारा की गई, इस सत्र का शुभारम्भ डॉ. (श्रीमती) शिरीन महलाती द्वारा रिज़वान संदेश एवं जनगणना 2011 पर आधारित वक्तव्य से हुआ, कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए बहाई पब्लिशिंग ट्रस्ट के प्रबन्धक श्री अरुण कुमार सिन्हा ने प्रभुधर्म के प्रसार में बहाई साहित्य के महत्व के विषय में बताया और ट्रस्ट द्वारा तैयार किये गये विभिन्न एवं महत्वपूर्ण बहाई साहित्य प्रत्येक बहाई को प्राप्त हो सके इसके लिए कई तरह की रियायतों की जानकारी भी दी। कोटा, राजस्थान के बहाई श्री प्रकाश नारायण मिश्र ने अपने वक्तव्य में बहाउल्लाह के अवतरण संबंधी विभिन्न भविष्य-वाणियाँ जो हिन्दू धर्मशास्त्रों में विद्यमान हैं के बारे में बताया तथा सम्मेलन में आकर्षण के केन्द्र रहे। शाम को परिषद सदस्य श्री मनीष चौहान ने अपनी सांस्कृतिक मण्डली की मदद से उस शाम को सुहानी बना दिया, विभिन्न समूहों के हर उम्र के बहाई कलाकार और गायकों ने अपनी- अपनी प्रतिभा को प्रस्तुत कर श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध किया।

सम्मेलन के दूसरे दिन के पहले सत्र की अध्यक्षता सहायक मण्डल सदस्य श्री पातीराम नरवरिया द्वारा की गई। राष्ट्रीय सभा के कोष संबंर्धन विभाग के प्रमुख डॉ. नेसन ओल्याई ने बहाई कोष पर आधारित अपने वक्तव्य एवं पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से उपस्थित मित्रों में एक नव चेतना जागृत कर दी। हुकूकुल्लाह बोर्ड की सदस्य डॉ. महालाती ने ईश्वर का अधिकार (हुकूकुल्लाह) विषय पर बोलते हुए उपस्थित प्रतिभागियों को एक नई दिशा प्रदान की।

राजस्थान के जयपुर की सुश्री सहर ने लोगों को बताया कि इस पाँच वर्षीय योजना के शेष दिनों में हमारी कार्य शैली विश्व न्याय मन्दिर द्वारा रिज़वान संदेश 2010 में बताए मार्गदर्शन के अनुरूप होनी चाहिए। श्री पयाम शोगी ने पारिवारिक सम्मेलन के अवसर पर बोलते हुए कहा कि मध्य प्रदेश-छत्ताीसगढ़ के बहाइयों के लिए यह पारिवारिक सम्मेलन जहाँ उत्साह मनाने का एक स्थल है वहीं यह एक विशाल, प्रभावकारी एवं ऐतिहासिक सम्मेलन के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व के वर्षों में की गई मेहनत के परिणाम अब दिखने शुरू हो गए हैं। रिज़वान संदेश-2010 के कुछ चयनित पदों के अध्ययन हेतु श्री शोगी ने उपस्थित मित्रों को अलग-अलग समूहों में विभाजित कर अध्ययन-मनन में सहयोग किया, सभी समूहों ने अपनी सीख भी प्रस्तुत की।

तीसरे दिन श्रीमती साधना मित्रा ने अत्यन्त प्रभावपूर्ण ढंग से एक बहाई की वास्तविक पहचान को बताने का प्रयास अपने वक्तव्य एवं पावर प्वाइंट द्वारा किया। रिज़वान संदेश के शेष चयनित भाग का अध्ययन पुन: मित्रों ने अपने-अपने समूहों में बैठकर किया तथा सभी सघन विकास वाले समूहों के लिए योजना बनाई गईं। पारिवारिक सम्मेलन के अंतिम सत्र की अध्यक्षता सहायक मण्डल सदस्य श्री रोशन लाल पटेल द्वारा की गई, श्री रोशन लाल ने सलाहकार श्री सतीश मतई को आमंत्रित करते हुए मार्गदर्शन प्रदान करने का निवेदन किया। सलाहकार महोदय ने पूरे तीन दिन मित्रों के साथ बिताने के बाद अपने वक्तव्य में योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु शुभकामनाएँ देते हुए कुछ अनुभवों को भी बताया। अंत में डॉ. सलील बरतर और परिषद के सचिव श्री एस एन पटेल द्वारा उपस्थिति मित्रों को धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।

Saturday, September 4, 2010

कश्मीर में ग्रीष्मकालीन स्कूल का आयोजन


स्थानीय आध्यात्मिक सभा श्रीनगर द्वारा 25 से 27 जून 2010 तक ग्रीष्मकालीन स्कूल का आयोजन किया। यह ग्रीष्मकालीन स्कूल कश्मीर के प्रथम बहाई स्वर्गीय मोलवी अब्दुल्ला वकील को समर्पित था। इसमें 30 से अधिक बहाई मित्रों और जिज्ञासुओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित मित्रों ने रिज़वान संदेश 2010 का अध्ययन किया और बहाई कोष, मानव का स्थान तथा पूर्व बहाइयों के जीवन इतिहास जैसे विषयों पर चर्चा भी की गई।

पटना में सामुदायिक विद्यालयों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

सामुदायिक कार्य के क्षेत्र में कार्यरत बहाई प्रेरित संस्थान 'सोल' द्वारा सामुदायिक विद्यालयों की स्थापना के लिए 5 मई से 19 जून तक पटना में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मणिपुर, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं छत्ताीसगढ़ के 13 बहाई मित्र शामिल हुए।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सकारात्मक विद्यालय की अवधारणा और शिक्षक की अभिवृत्तिा तथा गुणों के संदर्भ में गहन अध्ययन किया गया। इसके अतिरिक्त पूर्व प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को पढ़ाये जाने वाले पाठयक्रमों का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु शिक्षकों को शिक्षण अभ्यास के लिए सोल द्वारा संचालित 'चिल्ड्रन गार्डन' सामुदायिक विद्यालय ले जाया गया, जहां प्रशिक्षु शिक्षकों ने व्यावहारिक रूप से शिक्षण की सीख प्राप्त की। इस कार्यक्रम में मणिपुर की सुश्री मचासना कोईजाम,
डॉ0 टोम्बा, पं0 बंगाल के श्री श्यामल महतो एवं छत्तीसगढ़ के श्री शिव कुमार साहु ने रिर्सोस पर्सन के रूप में शामिल होकर प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा अन्य 9 मित्रों ने सामुदायिक विद्यालय के शिक्षक का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

डेढ़ मास तक चले इस कार्यक्रम का संचालन सोल के कार्यक्रम संयोजक श्री संदीप कुमार मल्लिक ने किया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर परिषद् के सचिव श्री अम्बरीष कश्यप, सहायक मंडल सदस्य श्री रजनीश सिंह तथा राहुल कुमार एवं परिषद् के सदस्य श्री दीपेन्द्र कुमार चन्दन भी उपस्थित थे। प्रशिक्षण के समापन के उपरान्त सभी रिर्सोस पर्सन एवं प्रशिक्षु शिक्षक ने पूरे उत्साह एवं निष्ठा के साथ अपने-अपने समुदायसमूहों में सामुदायिक विद्यालय की स्थापना कर सभ्यता के नवनिर्माण का आश्वासन दिया।

डॉ. बद्री प्रसाद पटेल


बड़े दु:ख के साथ सूचित किया जाता है कि स्थानीय बहाई आध्यात्मिक सभा-ब्यौहरा (रीवा), मध्यप्रदेश के सचिव डॉ. बद्री प्रसाद पटेल का 5 जुलाई 2010 को आकस्मिक निधन हो गया। स्थानीय सभा के तत्वावधान में 12 जुलाई को ब्यौहरा में उनकी स्मृति में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें उनको श्रध्दांजलि अर्पित की गई और उपस्थित मित्रों ने आभा लोक में उनकी आत्मा की प्रगति के लिए ईश्वर से प्रार्थनाएँ कीं। इस अवसर पर कई स्थानीय सभाओं के सदस्यों के अतिरिक्त परिवारजन व मित्रगण भी उपस्थित हुए। डॉ. बद्री प्रसाद पटेल, बहाउल्लाह के समर्पित सेवक में से एक थे, उनके प्रयासों से क्षेत्र के अनेक लोगों तक प्रभुधर्म का संदेश पहुँचा।